THE BEST SIDE OF SIDH KUNJIKA

The best Side of sidh kunjika

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नमः कैटभहारिण्यै नमस्ते महिषार्दिनि ॥ ६ ॥

[These are preliminary stotras that should be recited prior to reading of Devi Mahatmyam/Chandi/Durga Sapthasathi. Here's it instructed that if this kunjika stotram is recited then there is absolutely no ought to recite every one of these.]

नवरात्रि में देवी को प्रसन्न करने के लिए इसका पाठ करें. जानते हैं सिद्ध कुंजिका पाठ की विधि और more info लाभ.

क्लींकारी कामरूपिण्यै बीजरूपे नमोऽस्तु ते।

देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति षष्ठोऽध्यायः

देवी वैभवाश्चर्य अष्टोत्तर शत नामावलि

क्रां क्रीं क्रूं कालिका देवि शां शीं शूं मे शुभं कुरु ॥ १० ॥

सिद्ध कुंजिका स्तोत्र का पाठ करने से विपदाएं स्वत: ही दूर हो जाती हैं और समस्त कष्ट से मुक्ति मिलती है। यह सिद्ध स्त्रोत है और इसे करने से दुर्गासप्तशती पढ़ने के समान पुण्य मिलता है।

इस पाठ के करने से अष्टसिद्धियां प्राप्त होती हैं.

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जाग्रतं हि महादेवि जप ! सिद्धिं कुरूष्व मे।।

देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति द्वादशोऽध्यायः

देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति नवमोऽध्यायः

हुं हुं हुंकाररूपिण्यै जं जं जं जंभनादिनी ।

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